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Oct 30, 2012

SISAY VILLAGE DANGAL

By Deepak Ansuia Prasad



सिसाय हरयाणा का सबसे बड़ा और खूबसूरत गाँव है , यह गाँव कुश्ती के महान गुरु चंदगी राम जी का पैत्रिक गाँव भी है ! दिल्ली से बहादुरगढ़ , रोहतक होते हुए हिसार डिस्ट्रिक्ट की हांसी तहसील में इस गाँव तक आसानी से पहुंचा जा सकता ,हैं वैसे तो पूरे हरयाणा में कुश्ती बहुत ही लोकप्रिय है, लेकिन आप इस गाँव में पहुँच कर देखें की अधिकतम लोगों के कान टूटे हैं जो की पहलवान होने की एक पहचान हैं ! पूरे गाँव में 10 में से 6-7 मर्दों के कान टूटे मिलेंगे ! हरयाणा में गाँव- गाँव में कुश्ती का शौक है तो अखाड़े भी हैं , सिसाय गाँव में भी दो अखाड़े हैं ! जिसमे की एक इंटरनेशनल चन्दगी राम व्यायामशाला और एक वीमेन के लिए रेसलिंग सेंटर हैं ! जिसमे लड़कियां कुश्ती के गुर सीखती हैं ! सुभाष और संजय सिहाग कुश्ती के कोच हैं जो इन अखाड़ों को चला रहे हैं ! गाँव में कुश्ती की परम्परा को बढाने के लिए अक्सर कुश्ती दंगल होते रहते है , इसी तर्ज़ पर अधिवक्ता सुरेन्द्र कालीरमण जी ने अपने पिता चौधरी भाल सिंह पहलवान की स्मृति में एक विशाल कुश्ती दंगल करवाया ! भाल सिंह जी एक अछे स्पोर्ट्स पर्सन और सामाजिक कार्यकर्ता थे ! कुश्ती और बालीबाल में उनकी ख़ास रूचि थी ! कुश्ती दंगल गाँव के ही राजीव गाँधी स्टेडियम में आयोजित किया गया ! जिसमे गाँव की पंचायत और उनके सरपच अजीत सिंह, राकेश जी , पंचायत के सभी सदस्यों व् ग्रामवासियों ने भरपूर सहयोग दिया ! सुभाष पहलवान,सूरज भान पहलवान व् राम कुमार पहलवान रेफरी रहे ! रोहतास स्पोर्ट्स टीचर , विनोद , जय कुमार, शर्मा जी ट्रांसपोर्ट वाले सूरज भान पहलवान इत्यादि पहलवानों ने व्यस्था संभालने में सहयोंग दिया ! गुरु चन्दगी राम जी की विरासत और आशीर्वाद से दंगल अपनी भव्यता पर पहुंचा और सम्पान हुआ ! गुरु जी का नाम कुश्ती के इतिहास में अमर रहेगा , उन्होंने कुश्ती को एक नयी पहचान दी , खासकर वीमेन रेसलिंग की शुरुआत करने का श्रेय उन्हें ही जाता है ! आज गुरु जी के नाम से एक रजिस्टर्ड संस्था है जिसके अन्दर देश भर में पचास से अधिक अखाड़े और कुश्ती सेंटर है ! सुरेंदर कालीरमण जी ने दंगल की आवश्यकताओं , जैसे पानी के टैंकर , साउंड सिस्टम, बैठने , व् चाय पानी की व्यवस्था के अलावा पहलवानों के लिए नकद इनाम का प्रबंध किया ! सुरेन्द्र जी स्वयं भी एक अच्छे पहलवान रह चुके हैं और पहलवानों के लिए मन में सेवा भाव रखते हुए , अपने गाँव के बच्चों के मन में खेल कूद के प्रति जागरूकता बढाने के लिए उनके इस सच्चे प्रयास की मैं हृदय से सराहना करता हूँ ! दंगल में बच्चों की अनेक कुश्तिया और Rs 50/-की 50, 500/- की 23, 1100/- की 24 , 2100 /- की 10, 5100/- की 5, 11000 की 2 और 51000/- की एक कुश्ती करवाई गई ! पहली कुश्ती सत्यव्रत पहलवान गुरु चन्दगी राम अखाडा जो की यूथ ओलंपिक में मैडल विनर हैं व् भोलू पहलवान मैहर सिंह अखाडा के बीच हुई ! कुश्ती जोरदार चली दोनों पहलवानों ने अपना पूरा जोर लगाया लगाया ! समय ख़त्म होने पर कुश्ती को रोकना पड़ा और दोनों पहलवानों को बराबर घोषित कर कुश्ती को ड्रा घोषित किया गया ! दूसरी कुश्ती कैप्टन चांदरूप अखाड़े के ही धौला व् सतपाल अखाड़े के अजित पहलवान के बीच हुई, धौला का एशियाई कैडेट में मैडल है , उन्होंने इस कुश्ती में जीत दर्ज की ! इसी प्रकार एक पहलवान विशाल ने जूनियर वर्ग में 3 कुश्तिया जीत कर दर्शकों को रामांचित कर दिया ! सिसाय के ही एक बाल पहलवान जोनी ने 3 कुश्तिया लगातार जीती ! हालांकि इस बार लड़कियों की कुश्तिया नहीं करायी गई लेकिन सुरेन्द्र जी से बात होने पर उन्होंने बताया की अगले साल एक बड़ा हिन्द केसरी दंगल होगा जिसमे लड़कियों की कुश्तियों को भी शामिल किया जा सकता हैं ! दंगल में काई दानी सज्जनों ने अपना तन मन धन से सहयोंग किया ! हिसार के ओम प्रकश जी ने दंगल कमिटी को 30000/- देकर अपना सहयोंग दिया ! दंगल का एक आकर्षण बुजर्गों के दौड़ और कुश्तियां भी रही ! दौड़ में ओम प्रकाश जी ने बाज़ी मारी , वो veetran इंटरनेशनल एथलीट रह चुके हैं ! परम्परा अनुसार दंगल में आये सभी गणमान्य व्यक्तियों का पगड़ी पहना कर व् मोमेंटो प्रदान कर सम्मान किया गया ! गुरु जी के पुत्र हिन्द केसरी जगदीश कालीरमण का उनके गाँव में भव्य स्वागत हुआ! इसी प्रकार श्री विनीत dhandha जी जो की अरुणांचल प्रदेश के चीफ अधिवक्ता जनरल है , राम बाग़ ख़रब जी, इनेलो के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री चतर सिंह जी, सर्वेश पहलवान ,retd एस पी। श्री राज सिंह जी , भीम सिंह पूनिया जी, आर पी सिंह जी ,व् गाँव के बड़े बुजुर्गों का पगड़ी पहना कर सम्मान किया गया ! कुश्ती दंगल हिन्दुस्तान की परम्परा और पहचान है इसमें कोई दो राय नहीं और अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र काली रमण जैसे कुश्ती प्रेमी और व्यक्तित्व के धनी लोग ही कुश्ती के वे सच्चे सेवक हैं जिन्होंने इस परम्परा को जीवित रखा है और परवान चढ़ाया है , मेरी तरफ से कुश्ती की इन महान विभूतियों को शत -2 नमन !



ENGLISH VERSION
Sisay is one of the biggest villages in Haryana. It is also the paternal village of legendary kushti guru Chandgi Ram ji. One more peculiar thing about the village is that you can see 8 out of 10 people with cauliflowered ears, the trademark of a wrestler and you can guess how popular the sport is here.
Haryana is best known for its wrestlers and wrestling clubs. Almost every village has its own akhada and big villages have many akhadas. In this village too there are two wrestling club or akharas. One is Guru Chandgi Ram Wrestling Club and other is a wrestling centre for women. Subhash Pahlwan and Sanjay Sihag are running these centres acting as coaches.
In this village wrestling competitions are organized quite often to promote wrestling and sports culture among youth of the villages. Likewise a kushti dangal is organized by Advocate Surender Kaliraman. The kushti dangal is organized in honor of his father late. Ch. Bhal Singh ji. Bhal singh ji was a good sports person, wrestler and social worker. He encouraged the villagers to practice sports and was an ardent supporter of guru chandgi ram ji during whole of his life.
The competition was organized at the Rajiv Gandhi Stadium of the village. The chief (sarpanch) of both the gram panchayat shri Ajit Singh ji, and Shri Rakesh Ji, the member of village committee (panchayat), villagers helped organize the competition.
The referees were Suraj Bhan pahlwan, Ram kumar Pahlwan, and Subhash Pahlwan. PTA Rohtas Pahlwan, Vinod, Jai Kumar, Sharma ji, sooraj Bhan pahlwan also helped With the blessing of guru Chandgi ram ji, the dangal went smoothly and ended with much fanfare.
It was great entertainment and inspiration for the village people.
Guru Chandgi Ramji was one of the greatest wrestler of India. He also started women’s wrestling in India. There are many regd. societies and more then 50 wrestling clubs are run in the name of guru ji.

The wrestling competition happens in mud , which is organized separately , water for bathing , drinking, cash prizes for wrestlers, head gears, shawls, mementos, and other necessary arrangements were made by
Advocate Surender Kaliraman ji paid cash prizes for wrestlers, head gears, shawls, mementos, etc. out of his own pocket and people like om prakash ji contributed 30000/- to the fund.
There were many bouts for kids then there were 50 bouts for Rs 50/-, and like wise 500/-X23, 1100/-X24, 2100/-X10, 5100/-X5, 11000X2, and one for 51000/- .

The First Prize match was between Satyvart Pahlwan of guru Chandgi Ram Akhada vs Bholu Pahlwan of Guru Capt. Chandroop. Satyvart was a medalist at the Youth Olympics. And Bholu has wrestled throughout India. The match continued until the allotted time ran out and it was declared a draw. Both wrestlers were given half the prize.
The second prize match was between Dhaula pahlwan of Capt. Chandroop akhada and ajit pahlwan of guru satpal akhada. Dhaula, who won a medal in Asian cadets championships, defeated Ajit.
As tradition goes all the seniors wrestlers, gurus, coaches, chief guests were honored. Jagdish Kaliraman hind kesri, son of guru Chandgi Ram ji, was also honored. Vineet Dhandha ji, chief advocate general of arunachal parder india, Ram Bagh Kharab, national president of INELO, Shree Chatar Singh ji, Om Parkash ji, Sarvesh pahlwan, Red. S.P. Shre Raji singh ji, Bheem singh Poonia ji, R.P. singh JI, and other senior persons were also honored.















































































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